विष्णुपद के उद्धारक महारानी अहिल्याबाई

पुष्पा सिंह
Vishnu Pad with Falgu River

मोक्षभूमि के रुप में ख्याति प्राप्त गयाधम में स्थित अति प्राचीन विष्णुपद मंदिर को इंदौर की महारानी अहिल्या बाई का धरोहर कही जाय तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। महारानी अहिल्या बाई ने अपनी धार्मिक यात्रा के क्रम में विष्णुपद मंदिर का जीर्णोद्धार 1766 में करवाया था। प्रारंभ में यह मंदिर छोटे आकार का था, जिसे महारानी ने भव्यता प्रदान की। काले ग्रेनाईट पत्थरों से निर्मित श्री विष्णुपद मंदिर स्थापत्य कला का नमूना है, जिसे जीवंत किया हे जयपुर के कलाकारों ने।

इंदौर की महारानी अहिल्या बाई होल्कर का जन्म 1725 ई. में महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिलान्तर्गत चैड़ी नामक गाँव में हुआ था। इनके पिता आनन्दराव जो मानकोजी सिन्घिया के नाम से जाने जाते थे। अहिल्याबाई होल्कर बाल्यकाल से ही धार्मिक प्रवृति की थीं। अहिल्याबाई के धर्मिक अनुष्ठानों, पूजा-पाठ में रुचि को देखकर मल्हार राव ने अपने पुत्र के साथ शादी कर दी। अहिल्याबाई का दाम्पत्य जीवन मात्र 9 वर्षों तक ही सुखमय रहा। इस बीच अहिल्याबाई ने एक पुत्र तथा एक पुत्री को जन्म दिया। पति के आकस्मिक निधन के बाद उनके ससुर ने अहिल्याबाई को सती होने से रोक दिया। 1766 ससुर मल्हार राव के निधन के बाद अहिल्याबाई का पुत्र माले राव का राज्याभिषेक हुआ, परन्तु कुछ ही वर्षों में माले राव भी स्वर्गवासी हो गये। पुत्री मुक्ता बाई के पति के आकस्मिक निधन के बाद वे भी सती हो गई। इस सब संकटों के बावजूद अहिल्याबाई अपने सतकर्मों से विचलित नहीं हुई। अहिल्याबाई धर्म परायण महिला थी, जो अपने राजकोष का अधिक भाग धर्म में खर्च करती थी। अहिल्याबाई तीर्थाटन में पूरी रुचि रखती थी। उन्होंने अपने तीर्थाटन के क्रम में गया के अलावे काशी, मथुरा, वृन्दावन, जगन्नाथपुरी, बद्रीनाथ, केदारनाथ, रामेश्वरम, द्वारिका, काशी, उजैन आदि प्रमुख धार्मिक सथानों पर मंदिर एवं धर्मशालाओं का निर्माण करवायां अहिल्याबाई का देहान्त 1795 भाद्र कृष्ण चतुदर्शी को हो गयां तब से महारानी अहिल्याबाई की पूण्य तिथि प्रतिवर्ष विष्णुपद मंदिर में मनायी जाती है। महारानी अहिल्याबाई के सतकर्मों के कारण ही श्री विष्णुपद मंदिर के साथ अहिल्याबाई का नाम जुड़ गया। फलसवरुप लाखों तीर्थयात्री गयाधाम में आते हैं और अहिल्याबाई की कीर्ति देखकर श्रद्धा से नत हो जाते हैं।

संदर्भः- यात्रा 2010 पुष्पा सिंह